प्रजापति समाज को गर्व है पूनम प्रजापति पर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष:-
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आधुनिक सावित्री बाई फूले से कम नही है पूनम प्रजापति
मजदूर परिवार की बेटी हजारों घरों को कर रही शिक्षा से रोशन
भारत को शिक्षित करना और बेटियो को आगे बढाना है लक्ष्य
दो हजार तेरह से पुरस्कार लेने किये बंद
ऊँची जिसकी उड़ान हो,
कदमो मे आसमां हो
वो क्या रुकेंगे
मंजिल जिसकी जहाँन हो।।
शिक्षा को समर्पित पूनम रामकरण प्रजापति का जन्म राजस्थान के गाँव रामपुरा जो वर्तमान मे हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील मे है।नेमिचन्द प्रजापति के घर हुआ। मजदूर परिवार मे जन्मी पूनम प्रजापति को पढ़ाई के समय काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। गांव के राजकीय स्कूल मे दसवी तक पढ़ने के बाद निकट वृती शहर सूरतगढ़ पढ़ने जाना पड़ा। दो साल पढ़ाई करने के बाद पूनम प्रजापति की उच्च शिक्षा हेतु पढ़ाई छूट गई। पूनम प्रजापति ने पापा के साथ मेहनत मजदूरी की और फिर एक दिन सूरतगढ़ के राजकीय कॉलेज मे प्राइवेट प्रवेश लिया और स्नातक की डिग्री की। हालांकि पूनम प्रजापति का सपना तो झूग्गी -झोपड़ी और भिखारी वर्ग मे शिक्षा के जरिये सुधार करना था,ऐसे मे उन्होंने कर्ज लेकर बी. एड. की और फिर सूरतगढ़ क्षेत्र मे शिक्षा अभियान शुरू कर अलख जगाई।
दो हजार सौलह मे हुई प्रेरणादायक शादी प्रजापति की शादी 31 मार्च 2016 को सामाजिक कार्यकर्ता रामकरण प्रजापति से हुई। शादी के समय नशे के खिलाफ और पर्यावरण सरक्षण का संकल्प लेते हुए शादी मे आये हुए मेहमानो को पांच सौ पौधे गिफ्ट किये और दोनो पति - पत्नी ने एक सौ पचास पौधे राजकीय स्कूल मे लगाए।
मिशन पॉजिटिव इण्डिया अभियान को दी गति
शादी के बाद वे रामेश्वरम् ट्रस्ट के मिशन पॉजिटिव इण्डिया अभियान को आगे बढ़ाने मे जुटे। इस अभियान के तहत निदेशक सन्तलाल खंडेलवाल ने उनके पति रामकरण प्रजापति को राजस्थान प्रभारी बनाया और फिर उन्होंने अपनी टीम बनाकर झुगी- झोपड़ी, विधवा परिवार,तलाकशुदा परिवार के जरूरतमन्द बच्चो को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास शुरू किया। शिक्षा अभियान के जरिये श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ ब्लॉक के 62 राजकीय स्कूल और 20 आंगनबाड़ी केंद्र को जोड़ कर 8000 बच्चो को शिक्षा अभियान का लाभ दिया। इसके तहत स्टेशनरी, गर्म वस्त्र, कपड़े जूते, स्वेटर, फल आदि मिशन पॉजिटिव इण्डिया अभियान के तहत रामेश्वरम् ट्रस्ट ने जनसहयोग से बाँटे। सूरतगढ़, पीलीबंगा, रावतसर ब्लॉक मे एक हजार से भी ज्यादा जरूरतमन्द, विधवा परिवार और झुगी- झोपड़ी परिवार के बच्चे अलग- अलग शिक्षा केंद्र मे निशुल्क शिक्षा ले रहे है।
पूनम प्रजापति खुद जरुरतमंद परिवार की, भूमिहीन और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
प्रसाशनिक अधिकारी बनने का सपना लिए पूनम प्रजापति नियमित सेल्फ अध्ययन करती है और निशुल्क शिक्षा केंद्र के जरिये जरूरतमन्द बच्चो को शिक्षित करने मे लगी है। उन्हे अपने पति सामाजिक कर्यकर्ता रामकरण प्रजापति के साथ साथ सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और जन समूह के साथ साथ पढ़े -लिखे नौजवानों, ग्राम पंचायत का भी सहयोग मिल रहा है। ऐसे मे वे निदेशक सन्तलाल खंडेलवाल के सपने शिक्षित भारत को साकार करने मे जुटी है।
पूनम प्रजापति बताती है उन्होंने सन् दो हजार तेरह के बाद किसी भी प्रकार के पुरस्कार लेने भी बंद कर रखे हैं, इससे पहले के पुरस्कार उन्होंने योग्य और प्रतिभाशाली बच्चो को डोनेट कर दिए।उन्हे वर्ष 2019 का शिक्षा के छेत्र मे " सजदा " पुरस्कार जो हरियाणा मे राज्य सत्रिय कार्यकर्म जय भारत युवा मण्डल और सेल्फी वीद डॉटर द्वारा प्रदान किया गया। हम उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आज महिला दिवस पर कोटि-कोटि बधाइयां प्रेषित करते हैं ।
आपका यह मिशन देश समाज को नई प्रेरणा दें ।अनंत शुभकामनाएं.....
रामजीलाल प्रजापति टोंक
प्रजापति जागृति मिशन
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