Prajapati Samaj History
प्रजापति समाज का इतिहास
प्राचीन काल में प्रजापति समाज बहुत बड़े दरजे पर था उस समय उच्ची जातियों के लोग प्रजातियों के घरों मे ठहरते थे। दवापर युग में पाण्डव भी प्रजापति के घर में ठहरे थे।प्रजापति समुदाय की संस्कृति साफ ओैर सवच रही है। लम्वे समय से इस समुदाय का पतन या ये कहें कि प्रजापति समाज पिछड़ता जा रहा है।
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History of Prajapati Samaj (प्रजापति समाज का इतिहास)
आप सभी लोग जानते होंगे कि हम सभी किस वंश से सम्बंध रखते है अगर नही भी तो सुनये हम सभी ब्रहमा के पुत्र दक्ष प्रजापति के वंशज है ये पुराणों मे लिखा हुआ है।दक्ष प्रजापति यजुर वैद के बहुत अच्छे विदवान थे। एक दिन ब्रहमा जी ने खुश होकर उन्हें प्रतिष्ति पद दे दिया।उन्हे इस पर बहुत गर्व हुआ और एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। सभी ऋषि मुनियों और देवताओ को आमंत्रण दे दिया गया। सभी ऋषि मुनी और देवता महा यज्ञ में पद्धारे और उन्होने अपना अपना स्थान ग्रहन किया। जेसे ही राजा दक्ष मंडप में पधारे सभी ने खड़े होकर उनका आदर सतकार किया लेकिन ब्रहमा जी और शिव जी अपने स्थान पर बैठे रहे। ये बात दक्ष प्रजापति को अच्छी नही लगी और उन्होंने कहा कि शिव जी मेरे दामाद हे उन्होने मेरा आदर नही किया और इसलिए उन्हें इस महा यज्ञ में भाग लेने का अधिकार नही है। शिव जी ये सब शांत भाव से सुन रहे थे लेकिन नंन्दी को ये बात बिलकुल भी अच्छी नही लगी और उसने कहा हे दक्ष तुम्हे अपनी पदवी पर गर्व है तुम भगवान शिव को केवल अपना दामाद न समझों बलकि तुमने तो ये बात कह कर उनका अनादर किया है। इसलिए मै तुम्हे शाप देता हू तुम्हारा समस्त वंश कलयुग मे ब्रहमण के नाम से नही जाना जाएगा। तुम्हारा वंश गैर ब्रहमण से जाना जाएगा।नन्दी के शाप के कारण तभी से प्रजापति जाति निचे गिरती चली जा रही है।ब्रहमण समाज विरासत से ही प्रतिष्ठित समाज रहा है और हमारा समाज हम जानते है पिछड़ता जा रहा है।इन सभी बातों का उल्लेख भागवत गीता और पुराणों मे भी किया गया है।
प्रााचीन काल में आर्य जाति व समाज को चार भागों में बाटा गया था।
प्रााचीन काल में आर्य जाति व समाज को चार भागों में बाटा गया था।
1.ब्रहम्ण
2.क्षतरीय
3.वैश्या
4.शुद्र
2.क्षतरीय
3.वैश्या
4.शुद्र
शुद्र जाति के लोग भी ब्रहम्ण् हो सकते है। वाल्मिकि ऋृषि जन्म से शुद्र जाति से सम्बंधित थे बाद मे वो ब्रहम्ण हो गए। वर्तमान जाति और प्रजातियां अपनी कुशलताओं के आधार पर बनी है।

केवल ब्रहमा जी है जो मानवता को बनाने के लिए पांच तत्वों का प्रयोग करते है जैसे- वायु़ ,जल, मिटटी, आकाश और आग। ब्रहमा जी के बेटे दक्ष प्रजापति भी इन्ही पांच तत्वो का इस्तेमाल करके बर्तनों मे कलाकारी करते है।इन सभी वस्तुऔ का उपयोग मुख्यत सभी लोगो के द्वारा किया जाता है।लोग इनका उपयोग खाने में, पीने में, रहने में और पुजा मे करते है।अमीर हो या गरीब ये वस्तुए सभी लोग इस्तेमाल करते है।
वर्तमान समय में मिट्टीके बर्तनों के काम मे कमी आयी है क्योंकि मिटटी के बर्तनो की जगह पर लोहे तांबा और स्टील के बर्तनों की मांग बढ़ने लगी है।बहुत से ऐसे कारण है जिनके कारण प्रजापति समुदाय के लोग पिछड़ रहे है। एक मुख्य कारण शिक्षा में कमी शिक्षा में कमी के कारण हमारी गतिशीलता मे वृद्धी सीमित हो जाती है।दुसरा ये कि प्रजापति समुदाय के लोग दुसरों पर निर्भर है।
लेकिन धीरे -धीरे समय बदल रहा है प्रजापति समुदाय के लोग शिक्षा के लिए आगे आ रहे है कुछ लोग विदेश भी जा रहे है और कुछ दुसरे समाज के लोगो के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे है। धीरे -धीरे जो बैठने और खाने की बाधा थी वो खत्म होती जा रही है।
Shrawan kumar Prajapati
ReplyDeleteMobile : 8789034703
Rahul Verma
ReplyDeleteMobile 8840612817
Aman kumar
ReplyDelete8102107416
Jai ho
ReplyDeleteRajesh Parjapat -- Jind (Haryana)
ReplyDelete9911350153
Arun Prajapati
ReplyDelete9670962427
6388940206
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ReplyDelete9792645811
7705891169
ReplyDeleteBest hai
ReplyDeleteJai daksh prajapati
ReplyDeleteJai prajapati samaj
Ye glt story hai bhai 8930455190
ReplyDeleteJai daksh prajapati maharaj ki jai ho prajapati samaj ki jai ho 💪🏻🙏🏼🙏🏼
ReplyDeletehttps://chat.whatsapp.com/IQvWmc5wMrzLZPtIHEHr0D
ReplyDeletePrajapati Group Join kar lijiye
Jai prajapati jay Daksh
ReplyDelete7988525671
ReplyDeleteराज प्रजापति
ReplyDelete9368485887
Mukesh Jalandhar Prajapati
ReplyDelete9637114221 Mukesh Prajapati Jalandhar
ReplyDeleteAjay prajapati sonhar
ReplyDeleteBabu Ram Prajapati Shrawasti UP
ReplyDelete8009485603
Haryana prajapati list send kro
ReplyDeleteEr Dayanand Kumar Prajapati From Prajapati Nagar Mangarh Chouparan Hazaribagh Jharkhand.825406 ,Mob(8447609232)
ReplyDeleteHarish prajapati 7987515072
ReplyDeleteAjit Prajapati up
ReplyDeleteBITTU prajapati from Siwan, Bihar
ReplyDeleteI am proud to be a prajapati
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