समाज बन्धुओं से सादर निवेदन या अपील
एक अपील समाज के गणमान्य व्यक्तियों से
समाज के सभी भाई बहिनों से अनुरोध है कि यदि समाज व परिवार की भलाई, चाहते है तो सभी , क्षेत्रवाद को भुलाकर, संगठित होकर एक होना ही होगा, तथा संघर्ष करना होगा और हर कुर्बानी देकर समाज को बचाना होगा, अगर ऐसा नहीं किया तो समझलो प्रजापति का अस्तित्व समाप्त होने में देर नहीं लगेगी, आज अभी समाज की जिस तरह से राजनीती में भागीदारी बड़ रही है उसे देखते हुए प्रजापति समाज बहुत पीछे रह गया है । साथियो सामाजिक बन्धुओ आपसे निवेदन है की अब समय आ गया है हमें हमारा हक़ और राजनीती में हमें भागीदारी मिलनी ही चाहिए और ये हमारा संबैधानिक अधिकार है ।आज हमारा समाज पुरे भारत में लगभग 9 करोड़ के आसपास है हमारी जनसँख्या के हिसाब से हमारी राजनीती में भागीदारी 0℅ है । आकड़ो के हिसाब से हमारी जनसंख्या से छत्तीसगढ़ जैसे 3 राज्य बन सकते है । कम से कम 500 विधायक और 100 संसद । और आज हमारे देश में 29 राज्य और 6 केंद्रशशित राज्य है और सभी राज्य में हमारे समाज के 29 विधायक भी नहीं है,और संसद तो एक भी नहीं है।
साथियो जिस समाज का नेता होता है,उसी समाज का विकाश होता है।।
👉👉जब कोई सामाजिक भाई लोकसभा, विधानसभा में अपने समाज की आवाज उठाने वाला नहीं है तो समाज का विकाश कैसे हो सकता है.....? एक नेता अपने समाज की सभी प्रमुख समस्याओ की बात लोकसभा और विधानसभा से प्रस्तुत करता है तो ,सरकार को उस बात को सुनना ही पड़ता है ।हमारे समाज की आवाज़ कौन उठाये सभी नेता तो अपने अपने समाज के विकाश में लगे है ,और हमारे समाज की सभी समस्याओ को कौन बताये सरकार को । हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है की हम अपने समाज के विकाश के बारे में सोचे ।अब तो जागो प्रजापति समाज के लोगो। अब हमें अपने समाज के लोगो को लोकसभा ,राज्यसभा,विधानसभा ,नगर निगम,नगर,पालिका,जिला,पंचायत ,जनपद पंचायत,गांव प्रधान सभी प्रकार की राजनितिक पदों पर अपने समाज के लोगो का सहयोग करे और सामाजिक भाइयो को हर स्तर पर पहुचने में तन,मन,धन से सहयोग करे । अभी नहीं तो कभी नहीं ,तो आओ सभी मिलकर अपने समाज को संगठित करे और समाज की राजनीती में भागीदारी को बढाये। समाज को तन, मन, धन से सहयोग करे, समाज में शिक्षा ,रोजगार ,रोजगार में तकनिकी ,संगठित समाज ।,समाज के लिए हीरो बने। आओ मिलकर समाज को स्वस्थ,धनि,शिक्षित प्रजापति समाज बनाये।हर इंसान को जीवन में इतना संघर्ष तो कर ही लेना चाहिए की , उसे अपनी संतान तो संघर्ष की कहानी सुनाने के लिए ,किसी और का उदहारण न देना पड़े । अपने समाज को सही दिशा की ओर ले जाने में सहयोग करे । पचासों ग्रुप बनाकर वाट्सएप खेलने से कुछ भी नहीं होने वाला, वाट्सएप,फेसबुक पर संगठित होने से कुछ नही होने वाला अब जमीनी तौर पर संगठित होना पड़ेगा संघर्ष करने के प्रयास कीजिये!!!!
समर्थन और विरोध केवल, विचारों का होना चाहिये....
किसी व्यक्ति विशेष का नहीं।।
निवेदन कर्ता:-
गणेश प्रजापति चाकसू जयपुर
7568679673
[email protected]
0 $type={blogger}:
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